दो दिवसीय कार्यक्रम में होगा गंभीर विमर्श



दो दिवसीय कार्यक्रम में अज्ञेय, केदारनाथ, नागार्जुन, शमशेर व 
फैज़ अहमद फैज़ की जन्‍मशती पर होगा गंभीर विमर्श
२-३ अक्टूबर,  म‍हात्‍मा गाँधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा में
वर्धा, 01 अक्‍टूबर, 2010
                                       
    














 म‍हात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा में हिंदी के ऐतिहासिक महत्‍व के बडे कवियों  -  अज्ञेय, केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, शमशेर तथा उर्दू के विश्‍व विख्‍यात रचनाकार फैज़ अहमद फैज़ की जन्‍म शताब्‍दी तथा कवि रवीन्‍द्रनाथ टैगोर की डेढ़ सौवीं जयंती के अवसर पर उनके साहित्‍य पर चिंतन मनन करने तथा उनके शताब्‍दीपरक मूल्‍यांकन के सन्दर्भ  में गंभीर व दूरगामी विमर्श हेतु आयोजित शताब्‍दीसमारोह-शृंखला का उद्घाटन कल हिंदी के मूर्धन्‍य साहित्‍यकार व विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. नामवर सिं‍ह करेंगे।



कल पूर्वाह्न 11 बजे प्रारंभ होने वाले उद्घाटन सत्र की अध्‍यक्षता प्रो. निर्मला जैन करेंगी। कुलपति विभूति नारायण राय स्‍वागत वक्‍तव्‍य देंगे तथा प्रतिकुलपति प्रो.ए. अरविंदाक्षन धन्‍यवाद ज्ञापित करेंगे। साहित्‍य विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. सूरज पालीवाल समारोह का संचालन करेंगे। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के संग्रहालय की वेबसाइट www.archive.hindivishwa.org , जिसकी संकल्‍पना स्‍वयं कुलपति विभूति नारायण राय ने तैयार की है, का लोकार्पण प्रो. नामवर सिंह द्वारा किया जाएगा। 




कल २ अक्टूबर सायं अज्ञेय एवं केदारनाथ अग्रवाल के साहि‍त्यिक अवदान पर दो संगोष्ठियाँ आयोजित होंगी, जिनकी अध्‍यक्षता क्रमश: प्रो.गंगा प्रसाद विमल एवं प्रो. नित्‍यानन्‍द तिवारी करेंगे तथा प्रो. शंभुनाथ एवं प्रो. खगेन्‍द्र ठाकुर मुख्‍य वक्‍ता होंगे। इन संगोष्ठियों में वक्‍ताओं के रूप में अखिलेश, धीरेन्द्र अस्थाना,  प्रो. बलराम तिवारी, राजकिशोर,  प्रो. अजय तिवारी,  बोधिसत्‍व,  विमल कुमार,  डॉ. कृपाशंकर चौबे,  डॉ. रति सक्‍सेना,  डॉ. कविता वाचक्नवी, डॉ. मीता शर्मा,  विजय शर्मा, डॉ. कृपाशंकर चौबे, वसंत त्रिपाठी, नरेन्‍द्र पुण्‍डरीक,  डॉ. वीणा दाढे, मनोज कुमार पाण्‍डेय तथा  शशिभूषण  भागीदारी करेंगे।
इन सत्रों का संचालन डॉ. शंभु गुप्‍त तथा प्रो. संतोष भदौरिया करेंगे। 






03 अक्‍टूबर को आयोजित तीन सत्रों में नागार्जुन, शमशेर बहादुर सिंह तथा फैज़ अहमद फैज़ के कृतित्‍व एवं शताब्‍दीपरक महत्‍व पर अलग-अलग चर्चा होगी।


प्रात: 10 बजे नागार्जुन पर एकाग्र संगोष्‍ठी की अध्‍यक्षता प्रो. खगेन्द्र ठाकुर  करेंगे तथा प्रो. विजेन्‍द्र नारायण सिंह मुख्‍य वक्‍ता होंगे। प्रो. गोपेश्‍वर सिंह,  डॉ. नीरज सिंह, डॉ. राम आह्लाद चौधरी, प्रो.के.के. सिंह तथा अवधेश मिश्र वक्‍ता के रूप में अपने विचार रखेंगे। इस सत्र का संचालन प्रो.कृष्‍ण कुमार सिंह करेंगे। अपराह्न 12 बजे प्रारंभ होने वाले सत्र में शमशेर की रचना पर विमर्श होगा जिसकी अध्‍यक्षता अरूण कमल करेंगे। प्रो. रंजना अरगडे मुख्‍य वक्‍ता होंगी। उषा किरण खान, प्रो. माधव सोनटक्‍के, दिनेश कुमार शुक्‍ल, डॉ.विनोद तिवारी  डॉ. मीनाक्षी जोशी, वक्‍ता के रूप में उपस्थित रहेंगे।

 इस सत्र का संचालन राकेश मिश्र करेंगे।


अपराह्न 3 बजे फैज़ अहमद फैज़ पर केंद्रित सत्र का आगाज़ होगा जिसकी अध्‍यक्षता कवि आलोक धन्‍वा करेंगे। मुख्‍य वक्‍ता अली जावेद होंगे। दिनेश कुशवाह तथा कुछ अन्‍य साहित्‍यकार वक्‍ता होंगे। विश्‍वविद्यालय के विशेष कर्तव्‍या‍धिकारी राकेश सत्र का संचालन करेंगे।




२ अक्टूबर सायं  गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित शताब्‍दी श्रृंखला के दौरान सांस्‍कृतिक संध्‍या कार्यक्रम में आमं‍त्रित कवियों का कविता पाठ तथा नागार्जुन की कविताओं पर बसंत त्रिपाठी के निर्देशन में नागपुर के कलाकार अपनी नाट्य प्रस्‍तुति देंगे। 


10 टिप्‍पणियां:

  1. ईमेल द्वारा प्राप्त टिप्पणी

    "कार्यक्रम की सफ़लता के लिए शुभ कामनाएं। रिपोर्ट में पूर्ण विवरण की अपक्षा॥

    चंद्र मौलेश्वर"

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  2. ईमेल से प्राप्त सन्देश

    " कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं ।

    दिविक रमेश "

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  3. ईमेल से प्राप्त सन्देश

    " यह महायज्ञ सफलतापूर्वक संपन्न हों।

    शुभकामनाओं के साथ-
    उषा राजे सक्सेना "

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  4. ईमेल द्वारा आया सन्देश -

    dear Dr Kavita,

    we would be very happy to publish what speakers say, or if there are written papers. so pls arrange that if possible. if articles are not in soft copies, then someone could just scann them and email to us. we would get them retyped.

    best wishes

    sunil kumar

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  5. फ़ेसबुक पर सम्पत मुरारका जी की टिप्पणी

    "गंभीर चर्चा का प्रयास सराहनीय है."

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  6. फ़ेसबुक से आया सन्देश कि - सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी commented on your post.

    सिद्धार्थ wrote
    "अपने महान कवियों को आदर के साथ याद करते हुए उनकी काव्य यात्रा पर गम्भीर चर्चा कराने का यह प्रयास निश्चित ही सराहनीय है। आइए हम इस उत्सव में शामिल हों।"

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  7. फ़ेसबुक पर कमलेश कुमार दीवान लिखते हैं -

    "achcha kadam hai ,shubhkaamnayen .navodit lekhko ko bhi aise hi protsaahan milna chahiye."

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  8. वर्धा में दो दिन में जितना कुछ संजो पाया, वह सब अमूल्य है. इतने ढेर सारे मित्रों से एक लम्बे समय बाद मुलाकात, इतने अच्छे सत्रों में अपने प्रिय कवियों को याद करने के साथ-साथ...दो दिन कम पड जाते हैं जैसे. सचमुच समय कितनी तेजी से भागता है.

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आपकी सार्थक प्रतिक्रिया मूल्यवान् है। ऐसी सार्थक प्रतिक्रियाएँ लक्ष्य की पूर्णता में तो सहभागी होंगी ही,लेखकों को बल भी प्रदान करेंगी।। आभार!

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